नक्षत्र स्वामी

नक्षत्र स्वामी उपाय करे हेतु


अश्विनी नक्षत्र का स्वामी अश्विनी कुमार है।

भरणी नक्षत्र का स्वामी यम है।

कृतिका नक्षत्र का स्वामी अग्नि है।

और रोहिणी नक्षत्र का स्वामी ब्रह्माजी है।

मृगशिरा का स्वामी चंद्रमा है।

आद्रा नक्षत्र का स्वामी शिव है।

पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी अदिति है।

पुष्य नक्षत्र का स्वामी बृहस्पति है।

अश्लेषा नक्षत्र का स्वामी सर्व है।

मघा नक्षत्र का स्वामी पित्र देव है।

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का स्वामी भगदेव है।

उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का स्वामी आयार्मा हैं।

हस्त नक्षत्र का स्वामी सूर्य है।

चित्रा नक्षत्र का स्वामी त्वष्टा (विश्वकर्मा)है।

स्वाति नक्षत्र का स्वामी वायु है।

विशाखा नक्षत्र का स्वामी इंद्र और अग्नि है।

अनुराधा नक्षत्र का स्वामी मित्र है।

ज्येष्ठा नक्षत्र का स्वामी इंद्र है।

मूल नक्षत्र का स्वामी राक्षस है।

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी जल है।

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी विश्वा देवा है।

अभिजीत नक्षत्र का स्वामी ब्रह्मा है।

श्रवण नक्षत्र का स्वामी विष्णु है।

धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी वसु है।

शतभिषा नक्षत्र का स्वामी वरुण है।

पूर्वाभाद्रपद का स्वामी अजचरण है।

उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी अहिरबुधन्य हैं।

रेवती नक्षत्र का स्वामी पूजा देव है।


जिस नक्षत्र के स्वामी का मंत्र चाहिए वह अब गूगल में जाकर सर्च करके ले सकते हैं और जिस दिन वह नक्षत्र हो उस दिन से आपको वह मंत्र का उच्चारण करना है.






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